Friday, December 26, 2008

अफसाना


यूँ ही एक दिन ,किसी जनम
उससे मुलाखात हुई ;
फिर कुछ बातें हुई ;
और मोहब्बत हो गयी !

फिर,
कुछ जनम साथ चलने के बाद ;
दोनों जुदा हो गए !!

और क्या ......
मोहब्बत के अफ़साने ; बस ऐसे ही होते है ......

बता तो जरा ,
क्या मेरा अफसाना ऐसा नही ,
या तेरा अफसाना ऐसा नही ....

24 comments:

  1. बहुत खूब .सुंदर भाव है

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  2. bahut badhiya afsane aise hi hote hai.

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  3. सुंदर भाव लिए सुंदर कविता।

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  4. बहुत खूब जी। सुन्दर भाव। सच ऐसा ही होता हैं पर ऐसा क्यूँ होता है जी? जरा ये भी किसी दिन किसी रचना में समझाना जी।

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  5. बहुत बढ़िया, भई

    ---
    चाँद, बादल, और शाम
    http://prajapativinay.blogspot.com/

    गुलाबी कोंपलें
    http://www.vinayprajapati.co.cc

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  6. और क्या ......
    मोहब्बत के अफ़साने ऐसे ही होते है ......
    " han shayad mohhabbat ke afsane ais ehi hoten hain, milna, fir bichad jana or bus yadein......... intjar.... or kuch nahi...behtrin"

    regards

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  7. आपने कुछ जन्म की बात की है
    कुछ जनम साथ चलने के बाद ;
    दोनों जुदा हो गए !!

    यहां तो कुछ कदम के बाद ही साथ छुटने लगता है यदि राह दुश्वार लगे तो...
    उंगलियां घी और सर कढाही में हो तो कई जन्मों की सोच सकते हैं मगर वफ़ा की फ़िर भी नहीं...

    :)

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  8. bahot hi achcha likha hai aapne ....
    really very nice ..

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  9. बहुत भावपूर्ण रचना....वाह....सही कहा है आपने....कुछ शब्दों में जिंदगी की कहानी कह दी...आपने...वाह वा..
    नीरज

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  10. aapka afsana ..................haqeekat hai...........pata nhi kis janam ke afsane kis janam mein milte hain phir se bichadne ke liye............bahut khoob

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  11. अब तक जितने भी अफ़साने सुने हैं...ज्यादातर ऐसे ही निकले हैं. अभी तक सोच रहा हूँ की मंजिल दूर थी, रहगुजर उदास था या रहबर कमअक्ल.

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  12. bahot km alfaaz meiN muhobbat ka
    poora phalspha hi keh daala aapne.
    lekin judaai aur vir`haa bhi aanandit karte haiN kabhi, palkoN ki qtaaroN pr nanhe qatre muskraate haiN aur baateiN karte haiN...!!
    ---MUFLIS---

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  13. बहोत खूब लिखा है आपने .....

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  14. आप की बात, दिल के करीब होती है, दिल को छूती है.
    सुंदर हैं.
    बधाई

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  15. सुंदर कविता
    दिल के जज्बातों से परिपूर्ण

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  16. मुलाक़ात, मोहब्बत और जुदाई. प्यार के अफ़साने ऐसे ही होते हैं.

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  17. सुन्‍दर शब्‍दों का संयोजन है पर इस मतलबी और फरेबी दुनियाँ में तो अब प्‍यार मोहब्‍बत की
    बातें बेमानी सी लगती है...

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  18. बज़ा फ़रमाया आपने.... अफ़साने यूं ही तो बनते हैं... और अपनी छाप छोड़ जाते है।

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  19. आपके ब्लॉग पर बड़ी खूबसूरती से विचार व्यक्त किये गए हैं, पढ़कर आनंद का अनुभव हुआ. कभी मेरे शब्द-सृजन (www.kkyadav.blogspot.com)पर भी झाँकें !!

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  20. बता तो जरा ,
    क्या मेरा अफसाना ऐसा नही ,
    या तेरा अफसाना ऐसा नही ....
    -बहुत खूब !!

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  21. बहुत ही सही......
    कम शब्दों में बहुत कुछ कहे गए आप हर बार की तरहां मार्मिक रचना bahut hi accha likha hai..........



    अक्षय-मन

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  22. ji ye nazm bilkul hanare nazm se mel khati hui hai...zara sambhal ke janab :)copyright na ho jaye ... lol
    daad kabool karein
    fiza

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  23. Sahi hai Sanyog aur viyog ek hi sikke ke do pahlu hai. Ek Behtar avivyaqti.

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