Friday, February 26, 2010

याद

कल अचानक ही एक याद ने रास्ता रोक लिया ;
कहने लगी ...मुझे भूल गए ? कैसे ?
मैं तो तुम्हारी सबसे बड़ी निधि हूँ मेरे दोस्त !!!

मैंने देखा तो उस याद पर वक़्त की धुल और दुनिया के जाले ,
दोनों ने अपनी शिकस्त जमाई हुई थी ;
मैंने अपने आंसुओ से उस याद को साफ़ किया तो देखा की ;
तुम थी उस याद में !!!

मेरे साथ , एक अजनबी शहर में ; मेरे बांहों में ;
कुल जहान की खुशियाँ समेटे हुए ;

और भी कुछ था , देखा तो एक मौन था ,
कुछ आंसू थे , उखड़ी हुई साँसे थी ;
मेरा नाम था और सुनो जांना , तुम्हारा भी नाम था ......

हम मिले और जुदा हो गए ....
शायद फिर मिलने के लिए ....
शायद फिर जुदा होने के लिए ....

ज़िन्दगी की परिभाषा ;
जैसे हम सोचते है .....वैसी नहीं है .......

प्रेम बलिदान मांगता है और हम दे रहे है .....

कितनी बातें थी ..कितनी यादें थी ....
मैं निशब्द हूँ और मेरी आँखे ही सब कुछ कह रही है ....
बहुत कुछ ..शब्दों से परे ...

मौन के काल-पट पर ,आंसुओं से लिखते हुए ..
सुनो जांना , क्या तुम्हारे भी आंसू बह रहे है .....


12 comments:

  1. yaadein aisi hi hoti hain...........kabhi bhi aakar tadpa kar chali jati hain .........ya kaho kuch pal ke liye apno se mila jati hain........aakhir yaadein to yaadein hoti hain.

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  2. हम मिले और जुदा हो गए ....
    शायद फिर मिलने के लिए ....
    शायद फिर जुदा होने के लिए ....

    याद का यह झरोखा मार्मिक है

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  3. बहुत ही सुकुमार कविता रची है आपने।

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  4. बहुत सुंदर लगी आप की यह रचना. धन्यवाद

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  5. बहुत सुन्दर रचना
    आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें

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  6. होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायें !

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  7. यादें जीवन चक्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं आज जिया पल कल एक याद बन जाता है और जब कभी किसी मोड़ पर वो पल याद के रूप में सामने आता है तो ऐसी अभिव्यक्ति बन जाती है बहुत खूब लिखा है बधाई.......
    होली की शुभकामनाएं सुमन कपूर (सुमन’मीत’) नई रचना –होली के रंग में

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  8. रंगारंग उत्सव पर आपको हार्दिक शुभकामनायें !

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  9. ye kawita bahut marmsparshi lagi

    badhaaiyan

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  10. बहुत सुन्दर कविता है ! बहुत ही रोमांटिक ! बस एकही जगह थोड़ी सी अटपटी लगी .... पांचवे पंक्ति में "शिकस्त"....क्या उसकी जगह कुछ दूसरा शब्द लगाया जा सकता है ? उम्मीद है मेरी इस टिपण्णी का बुरा नहीं मानेंगे ।

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  11. dfvfv
    Kash kuchh dino ke liye duniya chhod na mumkin hota

    .

    Suna hai log bahut yaad karte hain duniya chhod jane ke bad...

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  12. This comment has been removed by the author.

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