Friday, February 26, 2010

याद

कल अचानक ही एक याद ने रास्ता रोक लिया ;
कहने लगी ...मुझे भूल गए ? कैसे ?
मैं तो तुम्हारी सबसे बड़ी निधि हूँ मेरे दोस्त !!!

मैंने देखा तो उस याद पर वक़्त की धुल और दुनिया के जाले ,
दोनों ने अपनी शिकस्त जमाई हुई थी ;
मैंने अपने आंसुओ से उस याद को साफ़ किया तो देखा की ;
तुम थी उस याद में !!!

मेरे साथ , एक अजनबी शहर में ; मेरे बांहों में ;
कुल जहान की खुशियाँ समेटे हुए ;

और भी कुछ था , देखा तो एक मौन था ,
कुछ आंसू थे , उखड़ी हुई साँसे थी ;
मेरा नाम था और सुनो जांना , तुम्हारा भी नाम था ......

हम मिले और जुदा हो गए ....
शायद फिर मिलने के लिए ....
शायद फिर जुदा होने के लिए ....

ज़िन्दगी की परिभाषा ;
जैसे हम सोचते है .....वैसी नहीं है .......

प्रेम बलिदान मांगता है और हम दे रहे है .....

कितनी बातें थी ..कितनी यादें थी ....
मैं निशब्द हूँ और मेरी आँखे ही सब कुछ कह रही है ....
बहुत कुछ ..शब्दों से परे ...

मौन के काल-पट पर ,आंसुओं से लिखते हुए ..
सुनो जांना , क्या तुम्हारे भी आंसू बह रहे है .....


Saturday, February 20, 2010

मेन इन यूनिफ़ॉर्म // MEN IN UNIFORM

दोस्तों , बहुत दिनों से कुछ लिखना चाहता था ,आर्मी पर !!!. आज मन आया तो लिख रहा हूं , ORGINALLY तो मैं कविताये ही लिखता हूं ,लेकिन इस बार एक छोटी सी कहानी लिखने का प्रयास किया है ... उम्मीद करता हूँ की  आप लोगो को पसंद आएँगी ...

दोस्तों , मैं फौजी ही बनना चाहता था , पर कहते है न , बहुत कम इंसान वो होते है , जो वही बन जाते है , जो वो बनना चाहते है ... मैं फौजी तो नहीं बना , लेकिन हर फौजी में मैं अपना COUNTER XEROX देखता हूं ... और मैं अपने देश के सारे फौजियों से बहुत प्यार करता हूं ... विविध भारती पर फौजी भाईयो के लिए जयमाला प्रोग्राम सुनने से लेकर कारगिल war के वक़्त ,अपने ऑफिस में सबकी एक महीने की SALARY COLLECT करने से लेकर, फौजियों की मौत पर चुपचाप रोने से लेकर , सुबह मेरे AREA में [ SAINIKPURI IN HYDERABAD ] फौजियों के साथ कदम मिला कर कवायद करने तक और उन्हें हंसकर सर की जुम्बिश से उन्हें सलाम करना , और मेरे बच्चो को सिखाना की सारे फौजियों को सलाम किया करो , उन्हें प्यार करो  और उनका आदर करो .....लिस्ट लम्बी है ,लेकिन मेरा प्यार मेरे देश के फौजियों के लिए अनंत .... मैं इस पोस्ट के जरिये , अपने देश के फौजियों को सलाम करता हूं ....जिनके लिए फौज में काम करना सिर्फ एक "JOB" नहीं है .....

मेरी ये पोस्ट मेरे दोस्त श्री गौतम राजरिशी और तमाम फौजी भाइयो को समर्पित है ....
-----------------------------------------
PART ONE
---------------------------------------

धाँय ....धाँय ....धाँय .....

तीन गोलियां मुझे लगी ,ठीक पेट के ऊपर और मैं एक झटके से गिरा....गोली के IMPACT और जमीन की ऊंची -नीची जगह के घेरो ने मुझे तेजी से वहां पहुचाया , जिसे NO MAN'S LAND कहते है ... मैं दर्द के मारे कराह उठा.. पेट पर हाथ रखा तो देखा भल  भल  करके खून आ रहा था .. अपना ही खून देखना ... मेरी आँखे मुंदने लगी ... कोई चिल्लाया , मेजर , WE ARE TAKING YOU TO HOSPITAL.....देखा तो मेरा दोस्त था ...मेरे पास आकर बोला " चल साले , यहाँ क्यों मर रहा है , हॉस्पिटल में मर "... मैंने हंसने की कोशिश की ,उसकी आँखों से आंसू गिरने लगे मेरे चहरे पर....

मेरी आँखे बंद हो गयी तो कई IMAGES मेरे जेहन में आने लगे , मैं मुस्करा उठा, कही पढ़ा था की मरने के ठीक १५ मिनट पहले सारी ज़िन्दगी याद आ जाती है ... मैंने AMBULANCE की खिड़की से बाहर  देखा , NO MAN'S LAND पीछे छूट रहा था .. ...ये भी अजीब जगह है यार , मैंने मन ही मन कहा ... दुनिया में सारी लड़ाई , सिर्फ और सिर्फ LAND के लिए है और यहाँ देखो तो कहते है NO MAN'S LAND......

कोई और IMAGE सामने आ रही थी , देखा तो , माँ की थी , एक हाथ में मेरा चेहरा थामकर दुसरे हाथ से मुझे खिला रही थी और बार बार कह रही थी की मेरा राजा बेटा सिपाही बनेंगा ....मुझे जोरो से दर्द होने लगा .......NEXT IMAGE मेरे स्कूल की थी , जहाँ १५ अगस्त को मैं गा रहा था , नन्हा मुन्हा राही हूँ , देश का सिपाही हूँ .......स्कूल का HEADMASTER ने मेरे सर पर हाथ फेरा ...मैंने माँ को देखा वो अपने आंसू पोंछ रही थी .....मेरे पिताजी भी फौज में थे .....ज़िन्दगी का विडियो बहुत ज्यादा FAST FORWARD हुआ अगली IMAGE में सिर्फ WAR MOVIES थी जिन्होंने मेरे खून में और ज्यादा जलजला पैदा किया ....

NEXT IMAGE में एक लड़की थी जिसके बारे में मैं अक्सर सोचता था...वो मुझे इंजिनियर के रूप में देखना चाहती थी , मैं आर्मी ऑफिसर बनना चाहता था .. एक उलटी सी आई , जिसने बहुत सा खून मेरे जिस्म से निकाला , मेरा दोस्त ने मेरा हाथ थपथपाया .."कुछ नहीं होंगा साले "....अगली IMAGE में उसकी चिट्टियां और कुछ फूल जो सूख गए थे ,किताबो में रखे रखे ..उसे वापस करते हुए मैंने NDA की ओर चल पड़ा ...

NEXT IMAGE में हम सारे दोस्त ENEMY AT THE GATES की कल्पना अपने देश की सरहद पर कर रहे थे ....क्या जज्बा था यारो में , हमारे लिए देश ही पहला GOAL था , देश ही आखरी GOAL था ......और , मैं आपको बताऊँ   , WE ALL WERE WAITING FOR OUR ENEMIES AT THE GATE .........

अगली IMAGE में मेरे माँ के आँखों में आंसू थे गर्व के ; तीन साल के बाद की PASSING PARADE में वो मेरे साथ थी और मैं उसके साथ था  . हमने एक साथ आसमान को देखकर कहा ....हमने आपका सपना साकार किया ........अगली IMAGE एक तार का आना था , जिसमे मेरी माँ के गुजरने की खबर थी .....मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा PILLAR गिर गया था ... मुझे फिर उलटी आई .....मेरा दोस्त के आंसू सूख गए थे , मुझे पकड़कर कहा, "साले तेरे पीछे मैं भी आ रहा हूँ .....तू साले , नरक में अकेले मजे लेंगा..ऐसा मैं होने नहीं दूंगा" ......मैंने मुस्कराने की कोशिश की ...

सबसे प्यारी IMAGE  आई ..मेरी बेटी ख़ुशी की ......उसे मेरी फौज की बाते बहुत अच्छी लगती थी ....मेरी छुट्टियों   का उसे और मुझे बेताबी से इन्तजार रहता था ... मेरी पत्नी की IMAGE जो थी वो हमेशा सूखी आँखों से मुझे विदा करने की थी .......उसे डर लगता था की मैं .....मुझे कुछ हो जायेंगा .... इस बार उसका डर सच हो गया था ... मेरी बेटी की बाते ...कितनी सारी बाते ....मेरी आँखों में पहली बार आंसू आये ... मुझे रोना आया ..मैंने आँखे खोलकर दोस्त से कहा ..यार , ख़ुशी .......,इतनी देर से वो भी चुप बैठा था ,वो भी रोने लगा .......

अब कोई IMAGE नहीं आ रही थी ...एक गाना याद आ रहा था ....कर चले वतन तुम्हारे हवाले साथियो..... मैंने दोस्त से कहा , यार ,ये CIVILIANS  कब हमारी तरह बनेगे .. हम देश को बचाते है ..ये फिर वहीँ ले आते है जिसके लिए हम अपनी जान......एक जोर से हिचकी आई मैंने दोस्त का हाथ जोर से दबाया .....और फिर एक अँधेरा...........

--------------------------
PART TWO
-------------------------

दूसरी सुबह कोई बहुत ज्यादा CHANGE नज़र नहीं आया मुझे इस मुल्ख में जिसके लिए मैंने जान दे दी..... ENEMIES WERE STILL AT THE GATE ... NEWSPAPER में कहीं एक छोटी सी खबर थी मेरे बारे में .....POLITICIAN WERE MAKING USELESS STATEMENTS ......किसी क्रिकेट में FIELDING की तारीफ़ की खबर थी .....कोई ये भी तो जाने की एक एक इंच जमीन की FIELDING करते हुए हम जान दे देते है .....कोई मीडिया का राज EXPOSE हुआ था .... कोई सलेब्रटी की मौत हुई थी जिसे मीडिया लगातार COVERAGE में दे रहा था ... कोई रिअलिटी शो में किसी लड़की के AFFAIR की बात थी ... मतलब की सारा देश ठीक ठाक ही थी ......मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैंने जान क्यों दी .......मेरी पत्नी चुप हो गयी थी ..अब उसके आंसू नहीं आ रहे थे ...मेरा दोस्त बार बार रो देता था ....और ख़ुशी.....वो सबसे पूछ रही थी ,पापा को क्या हुआ ,कब उठेंगे , हमें खेलना है न .......................................

Thursday, February 11, 2010

ये मुझे क्या हो गया ....






किसी अनजाने से तेरे बारे में बात करना ;
और जब वो कहे की ये जानां कौन है यार ...

किसी सुबह अपने बगल में तेरा चेहरा ढूँढना ;
और फिर हँसना की मैं पागल हो गया हूँ ...

किसी शाम को उतरते हुए सूरज से ये कहना की,
तेरे चेहरे पर मेरे नाम की किरण बिखराए...

किसी रात को अचानक उठ कर बैठना,
और तेरी तस्वीर से ढेर सारी बात करना

किसी शहर में किसी गली में मुड़ते समय,
अपना हाथ तेरे लिए , तुझे थामने के लिए बढ़ाना ...

अचानक ही अपने कमरे में तुझे देखना ,
और मुस्कराना और ढेरो बाते करना ....

मेरे होंठो पर तेरे लबो का स्वाद ढूंढना ;
फिर तेरे होंठो को हवाओ में ढूंढना ...

हवाओ पर उँगलियों से .....पानी पर उँगलियों से ..
और पेड़ो पर भी अपनी उँगलियों से तेरा नाम लिखना

अकेले होते हुए भी अकेले नहीं होना
तेरे संग बस प्यार करना और सिर्फ प्यार करना

पहली नज़र का पहला जादू ....
अब तक तुम्हे देख रहा हूँ ;
ये मुझे क्या हो गया ....




एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता

घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...