...............और अंत में कुछ भी न रह जायेंगा !!
न ही ये सम्मान , न ही ये मान ,
न ही ये धन और न ही ये यश !
बस ...चंद यादें कुछ अपनों के मन में
और वो शब्द भी जो मैंने कभी लिखे थे !!!
एक अनंत की जिज्ञासा भी साथ में थी ,
साथ में ही रही और
अंत में साथ ही चली गयी !
न ही ये धन और न ही ये यश !
बस ...चंद यादें कुछ अपनों के मन में
और वो शब्द भी जो मैंने कभी लिखे थे !!!
एक अनंत की जिज्ञासा भी साथ में थी ,
साथ में ही रही और
अंत में साथ ही चली गयी !
पक्का पता है ना
ReplyDeleteप्रभू का ?
सुंदर !
वाह
ReplyDeleteजब तक है तब तक मानवीय संवेदनाएं रहेंगी ,कोई सच समझे या झूठ !
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