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एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता
घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...
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घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...
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मिलना मुझे तुम उस क्षितिझ पर जहाँ सूरज डूब रहा हो लाल रंग में जहाँ नीली नदी बह रही हो चुपचाप और मैं आऊँ निशिगंधा के सफ़ेद खुशबु के साथ और त...
बहुत खूब विजय जी ... चाँद कों देख के किसी की याद आना सहज है ... वो भी जरूर याद कर रही होंगी ....
ReplyDeleteपूरे चाँद की रात(पुर्णिमा) में समुन्दर को उछाल लेते देखी हूँ .... !
ReplyDeleteआज उसकी तुलना आपकी रचना से ,मन समुन्दर से कम तो नहीं होता .... !!
बहुत सुन्दर रचना...प्रिय की याद में!....आभार!
ReplyDeleteBahut bhavuk rachana hai.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया सर!
ReplyDeleteसादर
चाँद तो संदेशवाहक है उसी से पूछिए...........
ReplyDeleteसुंदर रचना.
चाँद को देख कर अप्रभावित रह पाना असंभव है.
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति.
कुछ तो बात होगी तुझ में ,जो मैं तुझे ही देखता हूँ
ReplyDeleteठहर ठहर के जला दिया दिल ,ये ही हर बार क्यूँ सोचता हूँ |.....अनु
bahut khoob.....!
ReplyDeleteपूरा चाँद तो पूरी बात जानता ही होगा।
ReplyDeleteखुदा जाने ;
ReplyDeleteतुम इस वक्त क्या कर रही होंगी…..
खुदा जाने ;
तुम्हे अब मेरा नाम भी याद है या नही
आगे मै अपने ख्याल प्रस्तुत कर रही हूँ विजय जी :
यूँ ही नही पूरे चाँद की रात मे तुम याद आई हो
यूँ ही नही आज रात चाँद भी मुस्काया है
जरूर तुमने भी कोई यादों का छोर आँचल से निकाला है
बिना कारण यादें और चांद का मिलन नही होता
कुछ तो सबब होगा ना ……
कोई कशिश जरूर तेरी यादों मे भी झिलमिलायी होगी
यूँ ही नही पूरे चाँद की रात मे
तेरी तस्वीर मेरी निगाहों मे उतर आयी होगी
जरूर तुझे भी कहीं ना कहीं मेरी याद जरूर आयी होगी
तुम्हारी हिचकी इसका प्रमाण है …………तुम जानती हो ना जानां
भावपूर्ण प्रस्तुति......
ReplyDeleteआज फिर पूरे चाँद की रात है ;
ReplyDeleteऔर साथ में बहुत से अनजाने तारे भी है...
और कुछ बैचेन से बादल भी है ..
...sunder vijay ji chand hai hi aisa khushi me bhi saath aur yaadon me bhi saath . chand ki bas kya hai baat .
कल 24/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुंदर
ReplyDeleteमधु स्मृतियाँ :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteसुन्दर रचना...