Sunday, February 10, 2008

आओ इश्क की बातें कर ले…….

This is my latest poem created between 6th feb and 10th feb. It's been a long time that I have composed the poems...may be some 10 years back.... This is dedicated to the platonic lovers of this world.

आओ इश्क की बातें कर ले , आओ खुदा की इबादत कर ले ,
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!

लबो पर कोई लफ्ज़ न रह जाए, खामोशी जहाँ खामोश हो जाए ;
सारे तूफ़ान जहाँ थम जाये , जहाँ समंदर आकाश बन जाए......!
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!

तुम अपनी आंखो में मुझे समां लेना , मैं अपनी साँसों में तुम्हे भर लूँ ,
ऐसी बस्ती में चले चलो , जहाँ हमारे दरमियाँ कोई वजूद न रह जाए !
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!

कोई क्या दीवारे बनायेंगा , हमने अपनी दुनिया बसा ली है ,
जहाँ हम और खुदा हो, उसे हमने मोहब्बत का आशियाँ नाम दिया है.!
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!

मैं दरवेश हूँ तेरी जन्नत का ,रिश्तो की क्या कोई बातें करे.
किसी ने हमारा रिश्ता पूछा ,मैंने दुनिया के रंगों से तेरी मांग भर दी !
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!

मोहब्बत और क्या किया जाये किसी से , ये तो मोहब्बत की इन्तेहाँ हो गई
किसी ने मुझसे खुदा का नाम पूछा और मैंने तेरा नाम ले लिया.................!
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!

आओ इश्क की बातें कर ले , आओ खुदा की इबादत कर ले ,
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!


विजय कुमार


14 comments:

  1. "Leahro k sath to sabhi chalte Hain Magar Asli Insan Wahi hota hai Jo Leahro ko Chir k AAga Badtha Hain".... All the Best.....:) Nice Poem.

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  2. hi vijay kumar ji
    aap ki kavitain padhi
    ur a good poet
    but i'm not

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  3. Is darde dil kaa kyaa karoon maantaa hee naheen,
    Vo kaun hain kyaa hain kahaan jaantaa bhee naheen .

    Jis roz kabhee raahon main mulaakaat yooheen hojaaye,
    poochhenge kyaa dil kee sadaa jaantaa naheen ?

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  4. bahut khoob Vijay sahab...aapki kavitaon mein jo geharayee hai woh aapke tazurbe ko bhi jhalkaati hai...jo har kisi ke paas nahi hota...! shabdon ka bare sahi tarah se istemaal kiya hai...
    bahut khoob daad kabool farmayein
    fiza

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  5. aapki kavitaein padi achchi lagin
    lekin kuch kavitaeon me aap antas ki aour kuch jayda hi dhoud lagaie he han achchi lagin

    ashok andrey

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  6. shri vijay ji
    i liked your emotins aand comand over hindi language
    i also liked your poem on swami vivekanand ji
    pl accept my congratulations
    - Om sapra
    delhi-9
    9818180932

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  7. vijay ji apka corier mila par hame dukh hai ki ham kritika me keval shodh lekh hi chapate hai

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  8. आपकी लम्बा कविता संग्रह पढा मजा आगया

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  9. सादर नमन , आपकी सभी कविताओं कों पढ़ता रहता हूँ ,बार -२ पढ़ता हूँ, एसा लगता है कि आप उन लोगो के लिए एक शशक्त माध्यम बन जाने मे सहायक हो जो अपने दिल की गहराइयों से निकले कोमल निश्छल भाव को शब्द रूप देने मे असफल रहते है, और आप उनके भाव कों पढ़ कर ,या यो कहे कि समझ कर उन्हें शब्द रूप दे पाने मे उन लोगो के मददगार के रूप मे खड़े हो जाते हो , आपको इस सुकृत्य के लिए हार्दिक धन्यवाद और क्या कहे , कहने कों बहुत कुछ है मगर ...कुछ लिखे या कहे दिल भर आता है , बस आप व आपके कविताओ कों मेरा नमन

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  10. सुंदर रचना....
    सादर।

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