Wednesday, August 5, 2009
आओ इश्क की बातें कर ले…
दोस्तों , मेरी एक पुरानी कविता पेश है आपकी महफिल में , जो आज मुझे बहुत HAUNT कर रही है ...
आओ इश्क की बातें कर ले…
आओ इश्क की बातें कर ले , आओ खुदा की इबादत कर ले ,
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!
लबो पर कोई लफ्ज़ न रह जाए, खामोशी जहाँ खामोश हो जाए ;
सारे तूफ़ान जहाँ थम जाये , जहाँ समंदर आकाश बन जाए......!
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!
तुम अपनी आंखो में मुझे समां लेना , मैं अपनी साँसों में तुम्हे भर लूँ ,
ऐसी बस्ती में चले चलो , जहाँ हमारे दरमियाँ कोई वजूद न रह जाए !
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!
कोई क्या दीवारे बनायेंगा , हमने अपनी दुनिया बसा ली है ,
जहाँ हम और खुदा हो, उसे हमने मोहब्बत का आशियाँ नाम दिया है.!
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!
मैं दरवेश हूँ तेरी जन्नत का ,रिश्तो की क्या कोई बातें करे.
किसी ने हमारा रिश्ता पूछा ,मैंने दुनिया के रंगों से तेरी मांग भर दी !
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!
आओ इश्क की बातें कर ले , आओ खुदा की इबादत कर ले ,
तुम मुझे ले चलो कहीं पर , जहाँ हम खामोशी से बातें कर ले.......!!!
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सुंदर भाव।
ReplyDeletejai ho aapki..............
ReplyDeletegazab ki baat.............
gazab ka bhaav..................
umda rachnaa !
ek khubsurat rachana......pyar ki khushboo bikhari padi hai..
ReplyDeleteखामोशी से बाते तो ईश्क मे ही हो सकती है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
बेशक ये पुरानी रचना हो मगर भाव तो सदा के लिये होते हैं बहुत सुन्दर रचना है आप शुरू से ही बहुत अच्छा लिखते हैं बधाई्
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteगुलमोहर का फूल
Lovely composition, bt y to get haunted. If once u lived al those moments, then belv me my frnd its rare & very special 4u. bcoz it is bcoz of those precious painful moments, that ur writnings achived that much depth. It reflects u knw :)
ReplyDeleteदिल को छू गए आपके जज़्बात.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत खूब लिखा है आपने सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बढिया लिखा है बधाई।
ReplyDeleteishq ki baatein bina kiye bhi hoti hain .........khamoshi ki baatein khamoshi hi samajhti hai.........bahut sundar bhav..........dil ki gahraiyon se likhi gayi kavita.....jahan pyar ka sagar hi undel kar rakh diya ho
ReplyDelete"मैंने दुनिया के रंगों से तेरी मांग भर दी..." बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति...वाह.
ReplyDeleteनीरज
आओ इश्क की बातें कर ले , आओ खुदा की इबादत कर ले....बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteis ishk mohabbat ki kuchh azeeb rashme ,kabhi jeene ke vaade kabhi marane ki kasame .ye ishk nahi aasan yaro ..ati uttam .
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये रचना काबिले तारीफ है!
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