दोस्तों , आज मेरी बेटी मधुरिमा [ हनी ] का जन्मदिन है . दो साल पहले ,उस पर एक कविता लिखी थी , वही फिर से post कर रहा हूँ . बच्चियां कितनी जल्दी बड़ी हो जाती है, है न ......!!! एक पिता के लिये उसकी बेटी , उस पिता की माँ और बहन कर बन कर उभरती है ,,और क्या कहूँ.. मन भीग रहा है ..कि एक दिन वो ससुराल जायेंगी , तो मैं कितना अधुरा सा रह जाऊँगा ......
बिटिया
हनी , तुझे मैंने पल पल बढ़ते देखा है !
पर तू आज भी मेरी छोटी सी बिटिया है !!
आज तू चौदह बरस की है ;
लेकिन वो छोटी सी मेरी लड़की ....
मुझे अब भी याद है !!!
वही जो मेरे कंधो पर बैठकर ,
चाकलेट खरीदने ;
सड़क पार जाती थी !
वही ,जो मेरे बड़ी सी उंगली को ,
अपने छोटे से हाथ में लेकर ;
ठुमकती हुई स्कूल जाती थी !
और वो भी जो रातों को मेरे छाती पर ;
लेटकर मुझे टुकर टुकर देखती थी !
और वो भी ,
जो चुपके से गमलों की मिटटी खाती थी !
और वो भी जो माँ की मार खाकर ,
मेरे पास रोते हुए आती थी ;
शिकायत का पिटारा लेकर !
और तेरी छोटी छोटी पायल ;
छम छम करते हुए तेरे छोटे छोटे पैर !!!
और वो तेरी छोटी छोटी उंगुलियों में शक्कर के दाने !
और क्या क्या ......
तेरा सारा बचपन बस अभी है , अभी नही है !!!
आज तू चौदह बरस की है ;
लेकिन वो छोटी सी मेरी लड़की ....
मुझे अब भी याद है !
वो सारी लोरियां ,मुझे याद है ,
जो मैंने तेरे लिए लिखी थी ;
और तुझे गा गा कर सुनाता था , सुलाता था !
और वो अक्सर घर के दरवाजे पर खड़े होकर ,
तेरे स्कूल से आने की राह देखना ;
मुझे अब भी याद आता है !
और वो तुझे देवताओ की तरह सजाना ,
कृष्ण के बाद मैंने सिर्फ़ तुझे सजाया है ;
और हमेशा तुझे बड़ी सुन्दर पाया है !
तुझे मैंने हमेशा चाँद समझा है ….
पूर्णिमा का चाँद !!!
आज तू चौदह बरस की है ,
और ,वो छोटी सी मेरी लड़की ;
अब बड़ी हो रही है !
एक दिन वो छोटी सी लड़की बड़ी हो जाएँगी ;
बाबुल का घर छोड़कर ,पिया के घर जाएँगी !!!
फिर मैं दरवाजे पर खड़ा हो कर ,
तेरी राह देखूंगा ;
तेरे बिना , मेरी होली कैसी , मेरी दिवाली कैसी !
तेरे बिना ; मेरा दशहरा कैसा ,मेरी ईद कैसी !
तू जब जाए ; तो एक वादा करती जाना ;
हर जनम मेरी बेटी बन कर मेरे घर आना ….
मेरी छोटी सी बिटिया ,
तू कल भी थी ,
आज भी है ,
कल भी रहेंगी ….
लेकिन तेरे बैगर मेरी ईद नही मनेगी ..
क्योंकि मेरे ईद का तू चाँद है !!!
हनी , तुझे मैंने पल पल बढ़ते देखा है !
पर तू आज भी मेरी छोटी सी बिटिया है !!
आज तू चौदह बरस की है ;
लेकिन वो छोटी सी मेरी लड़की ....
मुझे अब भी याद है !!!
वही जो मेरे कंधो पर बैठकर ,
चाकलेट खरीदने ;
सड़क पार जाती थी !
वही ,जो मेरे बड़ी सी उंगली को ,
अपने छोटे से हाथ में लेकर ;
ठुमकती हुई स्कूल जाती थी !
और वो भी जो रातों को मेरे छाती पर ;
लेटकर मुझे टुकर टुकर देखती थी !
और वो भी ,
जो चुपके से गमलों की मिटटी खाती थी !
और वो भी जो माँ की मार खाकर ,
मेरे पास रोते हुए आती थी ;
शिकायत का पिटारा लेकर !
और तेरी छोटी छोटी पायल ;
छम छम करते हुए तेरे छोटे छोटे पैर !!!
और वो तेरी छोटी छोटी उंगुलियों में शक्कर के दाने !
और क्या क्या ......
तेरा सारा बचपन बस अभी है , अभी नही है !!!
आज तू चौदह बरस की है ;
लेकिन वो छोटी सी मेरी लड़की ....
मुझे अब भी याद है !
वो सारी लोरियां ,मुझे याद है ,
जो मैंने तेरे लिए लिखी थी ;
और तुझे गा गा कर सुनाता था , सुलाता था !
और वो अक्सर घर के दरवाजे पर खड़े होकर ,
तेरे स्कूल से आने की राह देखना ;
मुझे अब भी याद आता है !
और वो तुझे देवताओ की तरह सजाना ,
कृष्ण के बाद मैंने सिर्फ़ तुझे सजाया है ;
और हमेशा तुझे बड़ी सुन्दर पाया है !
तुझे मैंने हमेशा चाँद समझा है ….
पूर्णिमा का चाँद !!!
आज तू चौदह बरस की है ,
और ,वो छोटी सी मेरी लड़की ;
अब बड़ी हो रही है !
एक दिन वो छोटी सी लड़की बड़ी हो जाएँगी ;
बाबुल का घर छोड़कर ,पिया के घर जाएँगी !!!
फिर मैं दरवाजे पर खड़ा हो कर ,
तेरी राह देखूंगा ;
तेरे बिना , मेरी होली कैसी , मेरी दिवाली कैसी !
तेरे बिना ; मेरा दशहरा कैसा ,मेरी ईद कैसी !
तू जब जाए ; तो एक वादा करती जाना ;
हर जनम मेरी बेटी बन कर मेरे घर आना ….
मेरी छोटी सी बिटिया ,
तू कल भी थी ,
आज भी है ,
कल भी रहेंगी ….
लेकिन तेरे बैगर मेरी ईद नही मनेगी ..
क्योंकि मेरे ईद का तू चाँद है !!!
laadli honey ko janmdin ki bahut badhaai !
ReplyDeleteaapki kavita atyant sukomal aur anupam hai
waah waah !
बिटिया के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteये तो आँगन की गौरैया होती हैं ………………बेहद खूबसूरत भाव भरे हैं पिता का प्यार उमड कर आ रहा है।
वाह विजय जी! बहुत खूब! बधाई! साधुवाद।
ReplyDeleteऐसी रचनाएँ पढ़ने के बाद मुझे मेरी बिटिया और प्यारी लगने लगती है और मुझे लगता है ब्लॉग पढ़ने के लिए निकाला मेरा समय कितना कीमती हो गया।
Wish her belated happy bday.
हनी बिटिया के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,
Happy bday Honey...
ReplyDeleteBhavuk kar dene wali kavita...
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:!!
ReplyDeleteनवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...
कृपया ग्राम चौपाल में आज पढ़े ------
"चम्पेश्वर महादेव तथा महाप्रभु वल्लभाचार्य का प्राकट्य स्थल चंपारण"
हनी बिटिया को जन्मदिन की ढेर बधाईयाँ। सुन्दर रचना।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना...क्या बात है.. वाह..
ReplyDelete.मेरे ब्लॉग में इस बार..
comment recd on previous post of Bitiya ....
ReplyDeleteVijay Kumar Sappatti said...
HAPPY BIRTHDAY BETA ...
October 8, 2010 11:05 AM
संजय भास्कर said...
जन्मदिन कि बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं ...
October 8, 2010 12:00 PM
संजय भास्कर said...
मधुरिमा जी
जन्मदिवस की बहुत बहुत बधाई !
शुभकामनाएं !
मंग़लकामनाएं !
October 8, 2010 12:01 PM
संजय भास्कर said...
जन्मदिन की हार्दिक बधाईयाँ......
और कविता भी बहुत अच्छी लिखी है Sir ji...मुबारक हो
October 8, 2010 12:03 PM
Pratik Maheshwari said...
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति..
आभार
October 8, 2010 2:57 PM
vishal said...
हैप्पी बर्थ डे हनी रानी बिटिया। खूब पढ़ें लिखें और अपने पापा का नाम रोशन करें। आपकी ऐसी कविताएँ पढ़कर हमारा भी स्नेह बेटी पर उमड़ता है। :))
October 8, 2010 5:17 PM
दिगम्बर नासवा said...
जन्मदिन की हार्दिक बधाईयाँ......
October 10, 2010 4:56 PM