Thursday, April 26, 2012

“”काश””




कभी कभी यूँ ही मैं ,
अपनी ज़िन्दगी के बेशुमार
कमरों से गुजरती हुई ,
अचानक ही ठहर जाती हूँ ,
जब कोई एक पल , मुझे
तेरी याद दिला जाता है !!!

उस पल में कोई हवा बसंती ,
गुजरे हुए बरसो की याद ले आती है

जहाँ सरसों के खेतों की
मस्त बयार होती है
जहाँ बैशाखी की रात के
जलसों की अंगार होती है

और उस पार खड़े ,
तेरी आंखों में मेरे लिए प्यार होता है
और धीमे धीमे बढता हुआ ,
मेरा इकरार होता है !!!

उस पल में कोई सर्द हवा का झोंका
तेरे हाथो का असर मेरी जुल्फों में कर जाता है ,
और तेरे होठों का असर मेरे चेहरे पर कर जाता है ,
और मैं शर्माकर तेरे सीने में छूप जाती हूँ ......

यूँ ही कुछ ऐसे रूककर ; बीते हुए ,
आँखों के पानी में ठहरे हुए ;
दिल की बर्फ में जमे हुए ;
प्यार की आग में जलते हुए ...
सपने मुझे अपनी बाहों में बुलाते है !!!

पर मैं और मेरी जिंदगी तो ;
कुछ दुसरे कमरों में भटकती है !

अचानक ही यादो के झोंके
मुझे तुझसे मिला देते है .....
और एक पल में मुझे
कई सदियों की खुशी दे जाते है ...

काश
इन पलो की उम्र ;
सौ बरस की होती ................

13 comments:

  1. सचमुच..................

    काश!! मगर ऐसा होता कहाँ है.....

    सादर.
    अनु

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  2. काश
    इन पलो की उम्र ;
    सौ बरस की होती ................बहुत खूबसूरत ख्याल ………मोहब्बत मे तो इक इक पल सौ सौ बरस का हो जाये तो भी कम है।

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  3. कुछ यादे ..कुछ पल कभी नहीं पीछा छोड़ते .....


    होने को हैं तेरी लापरवाह आँखों में कहर सा
    या खुदा !यह सवाल भी हैं किस गुनाह का ||

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  4. काश
    इन पलो की उम्र ;
    सौ बरस की होती ....

    या नहीं तो परिंदा होता ....

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  5. कभी कभी यूँ ही मैं ,
    अपनी ज़िन्दगी के बेशुमार
    कमरों से गुजरती हुई ,
    अचानक ही ठहर जाती हूँ ,
    जब कोई एक पल , मुझे
    तेरी याद दिला जाता है !!!बहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना..... भावो का सुन्दर समायोजन......

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  6. जीवन भर इन्हीं पलों की प्रतीक्षा रहती हम सबको।

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  7. kash in palo ki umra sau nahi taumar hoti:).. bahut behtareen!

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  8. बहुत ही भावुक और सुंदर अभिव्यक्‍ति ! बधाई !

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  9. बहुत ही भावुक कर देनेवाली अभिव्यक्ति
    बेहतरीन....

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