Wednesday, May 2, 2012

तो तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

 
  image courtesy : google images
अचानक एक मोड़ पर , अगर हम मिले तो ,
क्या मैं , तुमसे ; तुम्हारा हाल पूछ सकता हूँ ;
तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?


अगर मैं तुम्हारे आँखों के ठहरे हुए पानी से
मेरा नाम पूछूँ ; तो तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

अगर मैं तुम्हारी बोलती हुई खामोशी से
मेरी दास्ताँ पूछूँ ; तो तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

अगर मैं तेरा हाथ थाम कर ,तेरे लिए ;
अपने खुदा से दुआ करूँ ; तो तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

अगर मैं तुम्हारे कंधो पर सर रखकर ,
थोड़े देर रोना चाहूं ; तो तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

अगर मैं तुम्हे ये कहूँ ,की मैं तुम्हे ;
कभी भूल न पाया ; तो तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

अचानक एक मोड़ पर , अगर हम मिले तो ,
क्या मैं , तुमसे ; तुम्हारा हाल पूछ सकता हूँ ;
तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

14 comments:

  1. सपनो की हो कोई मंजिल ,ये जरुरी तो नहीं
    हर बात में बात बन जाए ,ये जरुरी तो नहीं||

    मिल कर चलना था चार कदम ,अब वो साथ नहीं
    हर राह बदल गई ,वो ही राह अब तो नहीं ||......अनु

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  2. बहुत ही प्यारी रचना है ...
    हृदयस्पर्शी ,कोमल भवो से लिखी
    बेहतरीन रचना.....

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  3. कैसे नाराज़ हो सकती है...................
    मोहब्ब्त जो की है....

    सादर.

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  4. अगर मैं तेरा हाथ थाम कर ,तेरे लिए ;
    अपने खुदा से दुआ करूँ ; तो तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?
    मेरी भी दुआ साथ रखना ,नाराजगी होगी ,तो दूर हो जायेगी .... !!

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  5. अचानक एक मोड़ पर , अगर हम मिले तो ,
    क्या मैं , तुमसे ; तुम्हारा हाल पूछ सकता हूँ ;
    तुम नाराज़ तो नही होंगी न ?

    बेहद उम्दा भावों को संजोया है ........एक मीठी सी कसक है ............बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति

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  6. बड़ी ही भावमयी व कोमल कविता।

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  7. बहुत से प्रश्नों के उत्तर मांगती हुई सार्थक पोस्ट......

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  8. बहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना.....

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  9. कह के देखिये तो ...
    नाराज़ क्यों होगी
    बहुत सुन्दर रचना

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  10. बहुत खूब सर!

    सादर

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  11. बहुत बढ़िया प्रस्तुति, सुंदर रचना,.....

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  12. email comment :

    Just amazing. Shabd kum hain... kya vyakat karu apne vichaar. Bahut khoob.

    lata

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  13. भावमय करते शब्‍दों का संगम है यह अभिव्‍यक्ति ... आभार ।

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