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एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता
घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...
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घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...
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मिलना मुझे तुम उस क्षितिझ पर जहाँ सूरज डूब रहा हो लाल रंग में जहाँ नीली नदी बह रही हो चुपचाप और मैं आऊँ निशिगंधा के सफ़ेद खुशबु के साथ और त...
ये गाना मेरे मझले मामा जी को बहुत पसंद है... वो अक्सर इसे गुनगुनाते हैं...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर गीत...
ReplyDeleteहमेशा ही सुनने लायक...
मेरे ब्लॉग पर..
विश्व की १० सबसे खतरनाक सडकें.... ...
आज बहुत दिनो बाद ये गाना सुना………बेहद खूबसूरत है इसके अल्फ़ाज़्…………दिल को छू जाते हैं।
ReplyDeleteसुन्दर गीत है। शुभकामनायें।
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