तुम थी किसी और दुनिया में ,
और मैं अपनी दुनिया में ...
मेरी दुनिया से तेरी दुनिया तक पहुँचने में
मुझे बहुत लम्बा रास्ता पार करना पड़ा ,
वो रास्ता ६२२ मील लम्बा था
और मुझे उसे पार करने में २० बरस लग गए
लेकिन हमें तो मिलना ही था ;
ईश्वर ने ही ये चाहा था .
तुझे पा लिया , सब कुछ पा लिया .
तेरे संग जो जिया , वो जी लिया .
बस तुमने मुझे छोड़ना नहीं था जानां ;
तुमने मुझे छोड़ दिया ,
मेरा सब कुछ खो गया ..
अब मैं अकेला हूँ
कोई दुनिया नहीं मेरे संग
कोई अपना नहीं मेरे संग
बस अब मैं अकेला हूँ !!!
शायद इसे ही तो बेवफाई कहते है
हैं न जानां....!!!
हैं न जानां....!!!
लेकिन ;
मुझे तेरी बेवफाई नज़र आती है सिर्फ दूर से ,
पास आता हूँ तो तुम सिर्फ मेरी जानां होती हो ..
ज़िन्दगी के फैसले क्यों मोहब्बत का खून करते है
मुझे तेरी बेवफाई नज़र आती है सिर्फ दूर से ,
पास आता हूँ तो तुम सिर्फ मेरी जानां होती हो ..
ज़िन्दगी के फैसले क्यों मोहब्बत का खून करते है