दोस्तों , आज मैंने सोचा की आप से कुछ अपने बारे में कहूँ , यूँ ही कुछ मेरा छोटा सा परिचय :
नाम तो आप जानते ही हो , विजय है , मेरा जन्म 17-11-1966 को नागपुर [ महाराष्ट्र ] में हुआ है , मैं वैसे आँध्रप्रदेश से हूँ. पर मेरा बचपन और जवानी का बहुत सा समय नागपुर में ही गुजरा .
शुरुवाती दिनों में बहुत से दुःख देखे और सबको अपने भीतर समेटे हुए आगे बढ़ा . ज़िन्दगी की परेशानियों ने बहुत कुछ सिखाया और अपनी मंजिल तक पहुँचने में मेरा आत्मबल भी बढाया . [ अगर मैं कहूँ की street lights के नीचे बैठकर पढने से लेकर , तीन तीन दिनों तक भूखा रहकर ,अपनी ज़िन्दगी के सफर को मैंने तय किया है तो , आपको आश्चर्य होंगा ]
पर आगे तो बढ़ना ही था सो सारी मुश्किलों का सामना करते हुए आज यहाँ आप लोगो तक पहुँचा हूँ.
Today I have 6 degrees to my credit ,which includes Engineering, MBA, Economics, Management etc. and I have worked in three companies and having an experience of more than 18 years in Marketing, Business Development and Sales .
I am presently working as Sr. General Manager - Marketing & Sales in MIC Electronics Limited , Hyderabad.
मुझे अध्यात्म में गहरी रूचि है ,और आपको वो अहसास मेरी नज्मों में नज़र आता होंगा. [ in fact I try to put an undertone of spiritual Sufism in my poems ]
मुझे पढने का बहुत शौक है , मैंने करीब ५००० किताबें पढ़ी होंगी , और मेरी personal library में इस वक्त करीब ३००० किताबें होंगी.
मुझे photography का भी बहुत शौक है [ http://photographyofvijay.blogspot.com/ ] ,
मुझे संगीत में गहरी रूचि है , मेरे मनपसंद गायक किशोरकुमार, आशा, जगजीत सिंह है , मैं भी गाना गा लेता हूँ , और मैं drums भी बजा लेता हूँ. और हाँ मौका मिला तो dance भी करता हूँ.. [ recently on my son’s 7th birthday I danced on “ pappu can’t dance saala ]
और मैं basically बहुत comedy में विश्वास रखता हूँ ,और मेरे आस पास की दुनिया को हंसाते रहता हूँ . और हमेशा एक कोशिश की है की मैं एक बेहतर इंसान बन कर रहूँ ,और मैं शायद कामयाब भी हुआ हूँ. मेरी दुनिया मुझसे बहुत प्यार करती है
आप सभी को मेरा personal blog देखने के लिए आमंत्रण दे रहा हूँ . [ http://vijaykumar1966.blogspot.com/ ]
मैंने श्री शिर्डी के साईबाबा पर reserch किया है , लगभग तीन साल तक उनके बारें में information collect करते रहा और अब एक ब्लॉग बनाया है . आप सभी को आमंत्रण दे रहा हूँ , कृपया उस पर visit करिए [ http://shrisaibabaofshirdi.blogspot.com/ ]
मुझे drawings और पेंटिंग्स में भी रूचि है और मेरे ब्लॉग [ http://artofvijay.blogspot.com/ ] पर आपको मेरी कला से रुबुरु कराऊंगा .
और एक बात , मेरे भीतर , अभी भी एक बच्चा है , जो रंगों से प्यार करता है खिलोनो से प्यार करता है और कॉमिक्स से प्यार करता है [ शायद इसलिए भी कि मुझे बचपन में ये सब नही मिला ] any way बहुत जल्दी मैं आप लोगों के लिए कॉमिक्स पर ब्लॉग बनाऊंगा , ताकि आप भी अपने बचपन में खो जाए .
मुझे खाना भी बहुत पसंद है , specially पंजाबी खाना , जब भी मैं Ludhiyana जाता हूँ , मस्त दबा कर खाता हूँ और मोटा बन कर लौटता हूँ.
और हाँ , मैं बहुत आलसी हूँ , जब भी समय मिले तो मैं सो जाता हूँ..
अब बातें करें मेरी नज्मों की ,जिन के कारण मैं आप सभी से जुड़ पाया .
दोस्तों , poetry comes so naturally to me . दोस्तों करीब १९८५ से मैं poems लिख रहा हूँ और अपने २० साल के अन्तराल में करीब २०० -२५० poems लिख पाया [ I think this is a good quality parameter for writing ]
मैंने अपनी सारी नज्में हमेशा एक घंटे के भीतर ही लिख ली है [ except one poem "पाप" ,जो एक super psycho poem है , मैंने अपने एक दोस्त के निजी जीवन पर लिखी है , इसे compose करने के लिए दो दिन लगे , किसी दिन उसको भी publish करूँगा ]
कविताएं मेरे लिए मेरे बच्चों की तरह है, बस मेरी दुनिया में , मैं और मेरी कविताएं..कविताओ के मन से.......मेरी एक छोटी सी कोशिश है कि, मेरी कविताओं से मन की गाठें खुले ,आप थोड़ा ठहर कर पीछे देखें , कुछ याद करें .....कुछ भूलें .....कही रुके हुए कदमो को तलाशे .....कुछ सूखे हुए आँसुओ को देख ले ........किसी को याद कर ले ...किसी को भूल जाएं .... किसी को देख ले ...किसी के बारे में सोच ले...कुछ साँसे ,किसी के नाम कर दे , कुछ साँसे किसी से उधार ले ले...किसी को कुछ दे दे , किसी से कुछ ले ले ......आओ फिर से प्यार कर ले..................
लिखना तो बहुत कुछ चाहता हूँ , पर समय कि कमी है , मैं फिर हाज़िर हो जाऊँगा आपकी खिदमत में .......मैं अपनी कुछ photos यहाँ दे रहा हूँ ..
जाते जाते .. आज मैं जो कुछ भी हूँ , खुदा के करम से , दोस्तों कि दुआओं से, और अपनी मेहनत और आत्मबल से हूँ. मैं अपने घुटनों के बल पर बैठ कर उस परमपिता परमेश्वर को प्रणाम कर धन्यवाद् देता हूँ और उसका शुक्रगुजार होता हूँ .
आप सभी के लिए तीन संदेश :
1. you have to win over yourself , you don't have to fight with others ,fight with yourself and win on you.
2. There is no rehearsal, no retakes, no turning back , so give your best to life and others.
3. हमेशा कोशिश करिये की अच्छा इंसान बने , यकीन मानिए ये कसरत बहुत आसान है ...
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My photos…………………………
विजय - अपनी टीम के साथ coimbatore project में ...
विजय - अभी कुछ दिन पहले ......
विजय --- 17 साल पहले ........................
आपकी आज की पोस्ट पढकर तो बस एक ही काम करना चाहूँगा। वो है आपको सल्यूट करना।
ReplyDeleteअरे!! गुरु जी आप तो बहुत बड़े वाले चुपारुस्तम निकले :)
ReplyDeleteबहुत संघर्ष किया है आपने ख़ुद को नसीबवाला समझ रहा हूं की आप जैसा महान व्यक्तित्व वाला और अपने अन्दर बेशकीमती भावनाओं समेटे सबका भला चाहने वाला इंसान मेरे साथ है मुझसे जुडा है बहुत अपनापन लगता है अब आप सबके बीच होकर......
पापा की कमी भी महसूस नही होती पता है उनका नाम भी श्री विजय कुमार है वो बहुत पहेले चले गए मुझे अकेला छोड़ कर इतना पहेले की मुझे प्यार का भी एहसास नही उनके कितना बदनसीब हूं न और गए भी उस दिन जिस दिन मेरा जन्मदिन था पता नही किन भावनाओ में बहे गया और लिख दिया अब हिम्मत नही हो रही माफ़ी चाहूंगा........
..Vijay ko padhnaa achha lagaa, itni mehnat ke baad jo safaltaa haasil ki hai usse manzil nhi samajhnaa...abhi raasta aur bhi hai. Aur har pal doosroN ke liye prerna.srot ban`ne ki koshish karna
ReplyDeleteEk purana geet yaad aa rahaa hai..
"baat itni si hai, keh do koi nadaano se , aadmi wo hai jo khelaa kare toofaano se'
---MUFLIS---
aapke bare mein jankar achcha laga......jeevan ek sangharsh hai aur us par vijay pana hi vijay ka kaam hai............zindagi ko samajhna itna aasan nhi hota magar uske sath bahte jana aur phir ek mukam hasil karna .......yeh badi baat hai
ReplyDeleteaapke aur mere vichar kafi milte hain ....soch bhi ek jaisi hi hai........adhyatm mein meri bhi bahut ruchi hai
aapki saralta ne kafi prabhavit kiya
विजय साहेब आप से मिलने के बाद मुझे अपनी किस्मत पर नाज़ होने लगा है वरना कोई कहाँ इतने हिम्मत वाले और जिंदादिल इंसान से मिल पाता है. मुश्किलें हमें बहुत कुछ सिखाती हैं...उन पर विजय पा कर इंसान कुंदन की तरह खिल जात है...लेकिन बहुत कम किस्मत वाले होते हैं जो जमीन से उठ कर आसमान छूने की योग्यता रखते हैं...आप उन में से एक हैं...क्यूँ की आप एक सच्चे इंसान हैं...और ये सच्चाई आपको आपकी ज़िन्दगी की मुश्किल घड़ियों ने सिखाई है...आप ने हिम्मत दिखाई और इश्वर ने आपका साथ दिया...कहते हैं न "हिम्मते मर्दां मददे खुदा"
ReplyDeleteइश्वर आप को और भी ऊंची बुलदियों तक पहुंचाए ये ही आपके लिए हम दिल से दुआ करते हैं...
आलोक श्रीवास्तव जी का एक शेर है:
मुझे मालूम है तेरी दुआएं साथ चलती हैं
सफर की मुश्किलों को हाथ मलते मैंने देखा है
नीरज
विजय जी ,आपके बारे में पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. अच्छा ये कि आपने मुश्किलों के आगे न तो घुटने टेके और न ही उनका रोना रोया बल्कि आपने मुश्किलों में से रiह निकली .आपने विपरीत परिस्तिथियों में भे आपने अन्दर के इन्सान को बचाए रखा जो आपकी कविताओं से अक्सर झाँका करता है .आपकी रुचियाँ और आपकी सरलता प्रभावित करती हैं .आप एक अछे और सच्चे इन्सान है .इश्वर आपको जीवन में वो सब प्रदान करे जो आप को चाहिए .आपको और आपके परिवार को शुभकामनायें .
ReplyDeleteसीमा
दो पंक्तियाँ याद आगई -
ReplyDeleteजितने कष्ट कंटकों में है जिनका जीवन सुमन खिला .
गौरव गंध उन्हें उतना ही यत्र -तत्र सर्वत्र मिला .
agar kam shabdon se main kam chalane ki koshish karungi to aap anyatha nahi lenge . jis cheez ko aap hasil kiye hain .......maine nahi kiya hai han !sapna to dekha tha ..par .. khair . uska anubhav to nahi hai par main mahsus kar sakti hun . aapke jajbe ko, aapki jeet ko salam . aage bhi aap yun hi jeetate rahen ..ye hamari shubhkanma hai.
ReplyDeleteHats off to u sir.
ReplyDeleteaapne apne naam Vijay ko sarthak kar diya.
aap jaise gunni mitra ka sath paaker behadd prasann hoon.
ap har paristhiti main yunhi aage badhte rahen yahi hamari dua hai.
Vijay aapke baare main itna kuch janakr bahaut hi aacha laga..... even vo street light ke niche padhna...n vo 3 din bhukha rahana..... pata nahin aias laag ki kisi book ke leading character ke baare main padh rahi hun...... aapke sare blogs follow kiye hain amine..... mujhe bhi photography ka shauk hai isliye poems n photography vale blogs main jaa kr atak gayi.... so gud.... zyada tarif aabhi nahin kr sakti....kyunki pure nahin dekh payi hun.... pr I m sure ki vo aage bhi abhaut badhiya honge.... ajise jaise padhungi comment deti jayungi..... tc
ReplyDeleteविजय .....मेरी बहुत पहले की लिखी कविता .....जोकर ...जो आपकी इस पोस्ट पर सही बैठती हैं ....(ऐसा मुझे लगता हैं )
ReplyDeleteटिप्पणी के तौर पर यहाँ रख रही हूँ ......
तू बन कर जोकर
दे ...ख़ुशी सबको ,
दे मुस्कान हर चेहरे पर
बन कर रह गुलाब ,
काँटों के बीच,..अपनी सुन्दरता को बढा
कर न किसी को,दुखी ,
बोल ना कड़वे बोल
थाम ,अपने अहंकार को
कहीं वो ,तेरी महानता को
नष्ट ना कर दे ,
ना कर तू किसी की निंदा
ना कर किसी की तरफ ईशारा
देख,तेरी ही तीन उंगलियाँ
झुकी हैं तेरी ही ओर,
ना कर तू क्रोध
इतना कि...तेरे अंदर का
ज्वालामुखी फट जाये ,
बात हो ख़ुशी कि
तो सब के साथ बांटता चल ,
मन हो दुखी तो
खुद को खुद से ..
भी छिपता चल ......
बस,
बन कर जोकर ,
इस जीवन मे तू
हँसता चल .....हँसाता ..चल||
(....अनु.....)