दोस्तों ; जैसा की मैंने पिछली बार लिखा था , मेरी कविता " शहीद हूँ मैं …" एक poem cum poster , शब्दयुद्ध : आतंकवाद के विरुद्ध -exhibition के लिए select हुई है .
ये exhibition , क्षितिज के द्वारा पुणे में आयोजित की गई थी . श्री संजय भारद्वाज और श्रीमती सुधा भारद्वाज ने अपने अथक प्रयासों द्वारा इस प्रयोजन को सार्थक किया ..इसकी पृष्ठभूमि २६/११ के आतंकी हमले पर है ... हमारे देश में आतंकी हमलो के द्वारा करीब १८००० नागरिक मारे जा चुके है जो की हमारे युद्धों में मारे जाने वाले सैनिको से कहीं ज्यादा है .. आख़िर बेक़सूर नागरिको का दोष क्या है , सिर्फ़ इतना की वो एक ऐसे देश के नागरिक है , जहाँ राजनैतिक स्वार्थ अपनी परमसीमा पर है ... जहाँ हमें आज़ादी की असली कीमत नही मालूम ... जहाँ ,हमारी संवेदानाएं मर चुकी है ...जहाँ ये देश पूरी तरह से banana country बन चुका है ..
मुझे एक कथा याद आती है .. जब पृथ्वीराज चौहान को उनके कवि ने जोश दिलाया था , एक और कथा है , जहाँ कृष्ण , अर्जुन को अपने शब्दों के द्बारा युद्ध के लिए प्रेरित करते है .. Exhibition के opening पर पुणे के police commissioner ने कहा “शब्द और युद्ध permanent है लेकिन आतंक temporary है !” This makes us to wake up to the call of the nation .
मैं ये समझता हूँ की शब्दों के द्वारा ही हम इस सोये हुए और करीब करीब मरे हुए समाज में एक दुसरे युद्ध की भावना ला सकते है , ये युद्ध निश्चित तौर पर एक अच्छे देश के निर्माण के लिए होंगा.. बहुत सी कविताओं ने मेरी आँखें नम कर दी . मैंने ये फैसला किया है की regularly मैं एक रचना देश के ऊपर लिखूं ... घनश्यामदास अग्रवाल जी कहते है की , अगर कवि और लेखक देश को नही जगाने का कार्य करतें है तो उन्हें १०० गुना ज्यादा सज़ा देना चाहिए.. मैं वहां कई साहित्यकारों से मिला .
मैंने अपने तरफ़ से नीरज जी और शमा जी को बुलाया था , उन दोनों ने और राज सिंह जी ने मेरी exhibition में आकर शिरकत की [ मैं उन के मुकाबले कुछ भी नही , फिर भी उन्होंने मान रखा , इसके लिए उनका दिल से आभारी हूँ ] . I will post a separate post on them shortly.
मेरी कविता बहुत पसंद की गई , मुझे इस बात का गर्व है , की संजय जी की देश चेतना में मैं भी शरीक हूँ . I am thankful to them for selecting my poem for this exhibition .
मेरी कविता पर सुमेधा जी ने painting बनाई है , सुमेधा जी , एक बेहतरीन और talented artist है , इनकी painting exhibitions मुंबई और दिल्ली में हो चुकी है .
मैं इस पोस्ट के जरिये ये भी कहना चाहूँगा की अगर कोई इस exhibition को organise करना चाहेंगा तो मुझे बतलाएं .. मैं संजय जी से कहकर इस चेतना को आगे बढ़ाना चाहूँगा ...
जो भी सुधिजन श्री संजय जी को बधाई देना चाहते है वो उनसे [ mobile no : 09890122603 and email : sanjaybhardwaj@hotmail.com ] पर संपर्क कर सकतें है . और जो भी paintings and art work में दिलचस्पी रखते है और सुमेधा जी की paintings खरीदना चाहते है , वो उनसे [ mobile no : 09860312093 and email : sumedha.umale@gmail.com ] पर संपर्क कर सकतें है.
मैं अपनी कविता और सुमेधा जी की painting और कुछ exhibition के photographs दे रहा हूँ ....
दोस्तों , मेरी ये नज़्म , उन सारे शहीदों को मेरी श्रद्दांजलि है , जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर , मुंबई को आतंक से मुक्त कराया. मैं उन सब को शत- शत बार नमन करता हूँ. उनकी कुर्बानी हमारे लिए है .
शहीद हूँ मैं .....
मेरे देशवाशियों
जब कभी आप खुलकर हंसोंगे ,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
जो अब कभी नही हँसेंगे...
जब आप शाम को अपने
घर लौटें ,और अपने अपनों को
इन्तजार करते हुए देखे,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
जो अब कभी भी मेरा इन्तजार नही करेंगे..
जब आप अपने घर के साथ खाना खाएं
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
जो अब कभी भी मेरे साथ खा नही पायेंगे.
जब आप अपने बच्चो के साथ खेले ,
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
मेरे बच्चों को अब कभी भी मेरी गोद नही मिल पाएंगी !!
जब आप सकून से सोयें
तो मेरे परिवार को याद कर लेना ...
वो अब भी मेरे लिए जागते है ...!!
मेरे देशवाशियों ;
शहीद हूँ मैं ,
मुझे भी कभी याद कर लेना ..
आपका परिवार आज जिंदा है ;
क्योंकि ,
नही हूँ...आज मैं !!!!!
शहीद हूँ मैं …………..!!!!
[ Painting made by Ms. Sumedha on my poem ]
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[ one of the poster at the exhibition ]
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[ one of the poster at the exhibition ]