Friday, January 2, 2009
स्वामी विवेकानंद
दोस्तों, स्वामी विवेकानंद मेरे आदर्श है , उनका जन्मदिन १२ जनवरी को है .ये कविता उन्ही को समर्पित है . मैं ये मानता हूँ की अगर उनके बताये हुए संदेशों में से अगर हम एक भी संदेश आत्मसात करें , तो हमारे जीवन में ढेर सारे changes और positive aura का प्रवेश हो जायेगा . मेरा उस महान संत को नमन है और आपसे अनुरोध है कि , अगर हो सके तो इस नए वर्ष में उनका ,कम से कम एक जीवन संदेश को अनुग्रहित करें.
स्वामी विवेकानंद
आज भी परिभाषित है
उसकी ओज भरी वाणी से
निकले हुए वचन ;
जिसका नाम था विवेकानंद !
उठो ,जागो , सिंहो ;
यही कहा था कई सदियाँ पहले
उस महान साधू ने ,
जिसका नाम था विवेकानंद !
तब तक न रुको ,
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो ...
कहा था उस विद्वान ने ;
जिसका नाम था विवेकानंद !
सोचो तो तुम कमजोर बनोंगे ;
सोचो तो तुम महान बनोंगे ;
कहा था उस परम ज्ञानी ने
जिसका नाम था विवेकानंद !
दूसरो के लिए ही जीना है
अपने लिए जीना पशु जीवन है
जिस स्वामी ने हमें कहा था ,
उसका नाम था विवेकानंद !
जिसने हमें समझाया था की
ईश्वर हमारे भीतर ही है ,
और इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है
उसका नाम था विवेकानंद !
आओ मित्रो , हम एक हो ;
और अपनी दुर्बलता से दूर हो ,
हम सब मिलकर ; एक नए समाज ,
एक नए भारत का निर्माण करे !
यही हमारा सच्चा नमन होंगा ;
भारत के उस महान संत को ;
जिसका नाम था स्वामी विवेकानंद !!!
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bahut khoob Vijay ji
ReplyDeleteMera is param gyani, sant vidwan aut sachhe sadhu ko shat shat naman.
aapne jaisa ki kaha ki hume is param sant ka kam se kam ek sandesh apnana chahiye. main koshish karoonga ki aisa kar sakoon. aapko bahut bahut dhanyawaad is rachna ke liye.
arey! ye kitni acchi baat hai hamare aadarsh bhi milte hain....
ReplyDeletebahut sacchi aur acchi baton ko darshaya bahut hi accha kiya jo aapne ye prakash dala naye varsh ke aagman par
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteजिनको पढकर हिन्दु को, आ जाता आनन्द.
ReplyDeleteदिव्य बनादे जो हमें, वही विवेकानन्द.
वही विवेकानन्द, देश को पुनः जगाये.
पश्चिम में जाकर, भारत का मान बढाये.
कह साधक कवि, यही विजय-गाथा है समझो.
स्वामी विवेकानन्द देश का गौरव समझो.
Amazing poem on swami g 🙏🏻
Deleteदूसरो के लिए ही जीना है
ReplyDeleteअपने लिए जीना पशु जीवन है
जिस स्वामी ने हमें कहा था ,
उसका नाम था विवेकानंद !
हमारा भी नमन उस महान इंसान को।
बहुत सुंदर
ReplyDeleteनमन करता हूँ उस स्वामी विवेकानंद को जिन्होंने शिकागो सम्मलेन में भारत का सर गर्व से ऊंचा उठाया
ReplyDeleteभाई हमारी सदा से यही कोशोश रही है....की जीवन के उच्च आदर्शों का पालन करें....मानवता के अनुकूल जियें.....सच भाई...!!
ReplyDeleteनव वर्ष शुभ हो !
ReplyDeleteआपको सपरिवार शुभ कमनाएँ -
विवेकानँद जी के बारे मेँ यह पढना बडा अच्छा लगा
- लावण्या
सबसे पहले आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteस्वामी विवेकानंद पर आप की कविता नव वर्ष पर जीवन में प्रेरणा बन कर आई है और लोगो को प्रेरित करती रहेगी आपकी ये लाइने -
सोचो तो तुम कमजोर बनोगे ;
सोचो तो तुम महान बनोगे .
बहुत सुंदर प्रयास .
देवेश .
स्वामी विवेकानंद जी के जिंदगी के फलसफे को चरितार्थ करती हुई
ReplyDeleteआपकी ये आलेख नुमा कविता अपने आप में पूर्ण है
हमारे अन्दर ही कहीं भरी पड़ी ऊर्जा को सही रूप में पहचान लेने वाले इस
संत के हर उपदेश की आज शिद्दत से जरूरत महसूस की जा रही है
आपकी कविता का ये अनुपम संदेश हर दिल-दिमाग तक जाए
यही इश्वर से प्रार्थना है .....!
---मुफलिस---
swami vivekanand ke prati sachchi shraddhanjali to hamari tabhi hogi jab hum unke bataye marg par chalne ki tuchch koshish kar sakein...bahut badhiya likha hai aapne
ReplyDeleteSwami Vivekananda sirf aapke hi nahi, har us Bharatiya ke aadarsh hai jo sanatan dharm ki utkrishta me aastha rakhte hai. Aapka unke anmol bachano ko kavyatmak shali me vyaqt karna achcha laga.
ReplyDeleteआने बड़ी सहजता से
ReplyDeleteस्वामी जी की वाणी का सार
लिखकर सार्थक संदेश भी दिया है.
==========================
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
आपको लोहडी और मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ....
ReplyDeleteviay jee aapney bahut accha likha hai...nav samaj ki nav chetna ko jaganey valey masiha ko shat shat naman.............
ReplyDeleteviay jee aapney bahut accha likha hai...nav samaj ki nav chetna ko jaganey valey masiha ko shat shat naman.............
ReplyDeleteतुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।
ReplyDeleteअद्भुत थे स्वामी विवेकानंद
ReplyDeleteनमन उस महाज्ञानी को
और नमन आपकी इस रचना को...
स्वामी विवेकानंद जयंती की हार्दिक शुभकामना
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteVery well written
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