तुम अपने हाथो की मेहँदी में मेरा नाम लिखती थी
और मैं अपनी नज्मो में तुझे पुकारता था जानां ;
लेकिन मोहब्बत की बाते अक्सर किताबी होती है
जिनके अक्षर वक्त की आग में जल जाते है
किस्मत की दरिया में बह जाते है ;
तेरे हाथो की मेंहदी से मेरा नाम मिट गया
लेकिन मुझे तेरी मोहब्बत की कसम ,
मैं अपने नज्मो से तुझे जाने न दूंगा...
ये मेरी मोहब्बत है जानां !!
यही तो मोहब्बत है...बहुत खुब।
ReplyDeletei agree wid u...
Love never dies... coz its above ol..its divine....truelly beautiful poem :)
ReplyDeleteमोहब्बत की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....
ReplyDeleteनिस्संदेह प्रेम ऐसा ही होता है .बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteमोहब्बत की मेंहदी का रंग कभी फ़ीका नही पडता बेशक हाथ से मिट जाये दिल से कभी नही मिटता।
ReplyDeleteएक बार फिर गहन अभिव्यक्ति …………प्रेम मे सराबोर्।