Wednesday, April 13, 2011

बीती बातें.........!!!


दिल बीती बातें याद करता रहा ,
यादों का चिराग रातभर जलता रहा ;
नज़म का एक एक अल्फाज़ चुभता रहा,
दिल बीती बातें याद करता रहा.

जाने किसके इन्तेजार मे,
शब्बा ऐ सफर कटता रहा;
जो गीत तुमने छेड़े थे,
रात भर मैं वह गुनगुनाता रहा.
दिल बीती बातें याद करता रहा.

शमा
पिघलती ही रही थी,
और दूर कोई आवाज
था दे रहा;
जुंबा जो न कह पा रही थी,
अश्क एक एक दास्तां कहता रहा.
दिल बीती बातें याद करता रहा.

यादें पुरानी आती ही रही,
दिल धीमे धीमे दस्तक देते रहा;
चिंगारियां भड़कती ही रही,
टूटे हुए सपनो से कोई पुकारता रहा.
दिल बीती बातें याद करता रहा.

दिल बीती बातें याद करता रहा,
यादों का चिराग रातभर जलता रहा;
नज़म का एक एक अल्फाज़ चुभता रहा.
दिल बीती बातें याद करता रहा.


22 comments:

  1. ये बीती बातें ही कभी कभी जीने का सहारा होती हैं वरना इस दुनिया मे और रखा क्या है……………अपने जज़्बातो और अहसासों को बेहद संजीदगी से पिरोया है…………बीती बातो मे भी ज़िन्दगी मिल जाती है कभी कभी।

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  2. यादें पुरानी आती ही रही,
    दिल धीमे धीमे दस्तक देते रहा;
    चिंगारियां भड़कती ही रही,
    टूटे हुए सपनो से कोई पुकारता रहा.
    दिल बीती बातें याद करता रहा.
    in beeti banton se hi to reeta man bhar jata hai...

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  3. गुजरे अनोखे कल यही तो वो धरोहर है हमारे दिल के जो अब तक जिंदा रखे है...बहुत सुंदर....अहसासपूर्ण।

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  4. Kya kahne! Aap jab likhte hain,to mujh jaisee ko nishabd kar dete hain!

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  5. Amazingly beautiful..cnt find any other appropriate term to appraise dis lovely piece of poetry :)

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  6. बहुत खूबसूरत भावपूर्ण रचना ! बधाई एवं शुभकामनायें !

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  7. बीती बातें रह रह आतीं,
    सूनी रातें खूब जगातीं।

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  8. बहुत बढ़िया सर!

    सादर

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  9. ये बीती बातें ही तो जीवन की एक धरोहर होती हैं जिन्हें हम फुरसत में निकल कर देखा करते हैं.
    बहुत सुंदर लिखा.

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  10. बहुत सुंदर....अहसासपूर्ण।

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  11. कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

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  12. एक एक पंक्ति अपने भाव की साक्षी है..
    सुन्दर और यथार्थ रचना..!!

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  13. कभी कभी बहका जाती हैं, कभी कभी महका जाती हैं... यादें...

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  14. वंदना जी की टिपण्णी से मैं पूर्ण सहमत हूँ. बहुत ही अच्छी रचना.

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  15. बीती बातें ही कभी कभी जीने का सहारा होती हैं, बहुत सुंदर....अहसासपूर्ण रचना.

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  16. बातें बीत जाने पर ही अकसर याद आया करती हैं......बहुत सुन्दर लिखा है विजय जी....

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  17. जब दिल बीती बात को याद करता है तो नज़्म यूँ ही चुभता है...सुन्दर शब्द दिया है ..दिल तक उतरती हुई ..बहुत सुंदर

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  18. achchhi rachna aur bhaav poorn abhivyakti ke liye badhaai.
    - vijay tiwari "Kislay"

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