Friday, November 14, 2008

रंगों की दुनिया

पता नही तुम रंगो को पहचानती होंगी या नही,

कई चाँद की राते तुमने उसके साथ बितायी होंगी,
उसका रंग दूधिया होता है !

कई सूरज के दिन तुने उसके साथ काटे होंगे,
उसका रंग सुनहरा होता है !!

जलते हुए जिस्मों की थकान जब तू उसके संग उतरती होंगी,
तब उसका रंग बादामी होता है !!!

जिस घास पर तू उसके संग लेटकर ख्याल देखती होंगी,
उसका रंग हरा होता है !!!!

जिस आसमान के नीचे ,तुने उसके सपनो को जन्म होंगा;
उसका रंग नीला होता है !!!!!

तुम्हे अपनी शादी का रंग याद है न,
उसका रंग लाल था !!!!!!!

अब तुम्हे मेरी कब्र का रंग पहचानना है ;
उसका रंग मालूम है तुम्हे?

2 comments:

  1. vijay jii...
    waise to sabhi achhi hain....lekin "rango ki duniya..."
    bahut achhi lagi....rango ke mayane badi khoobsurti se bataye hain aapne....!!!

    ....alice

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  2. ye rang bahut anokhe hain........
    lekin wo last wali........
    jaan le gai........

    ReplyDelete

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