मित्रो , जब कल मैं अपने घर गया तो , एक खुशी मेरा इंतजार कर रही थी ; सोचता हूँ की आप सब से share करूँ .....
मैंने आपसे कुछ दिन पहले कहा था न कि , मैंने इमरोज़ जी को अपनी नज्में भेजी है , जो उन्हें बहुत पसंद आई है .. कल मैं जब घर गया तो , उनका ख़त था , जिनमें उन्होंने मेरे लिए एक ख़त , मेरे लिए एक नज़्म , अपनी दूसरी नज्मों के साथ भेजा था....
ख़त पढ़कर और ख़त से ज्यादा मेरे लिए लिखी नज़्म पढ़कर ,आँखें नम हो गई ... उस महान इंसान के लिए , जिसने अपनी ज़िन्दगी के कुछ लम्हे मेरे नाम किए...... , मैं उन्हें कैसे धन्यवाद् दूँ ...
फिर सोचता हूँ ,कि वो तो दरवेश है ,मेरी भावनाओ को समझ लेंगे ... मेरे पास अब कोई शब्द नही बचे है .....May God Bless Him Forever....
बस उनका ख़त और उनकी मेरे लिए लिखी नज़्म को यहाँ post कर रहा हूँ और ये कहता हूँ कि :
आसमान के फरिश्तो झाँक कर देखो ,
आज मोहब्बत के दरवेश ने मुझे ख़त लिखा है ...
मैं झुक कर उसके नाम का सजदा करता हूँ ..
और मोहब्बत कि पवित्रता को सलाम करता हूँ .....
वाह यह तो सच में बहुत खुशी की बात है ..बहुत अच्छा लगा पढ़ कर ...
ReplyDeleteमहान लोग ऐसे ही होते हैं....इमरोज़ जी को सलाम.
ReplyDeleteनीरज
सच आँखे नम हो जाती जब ऐसी बातें होती हैं। पढ कर खुशी हुई।
ReplyDeleteविजय जी,यह तो सच में बहुत खुशी की बात है ..बहुत अच्छा लगा पढ़ कर ...
ReplyDelete"imrozji ka paighaam kisi bhi kavi.hriday ke liye aashirwaad se barhkar hi ho sakta hai...aapke liye bhi garv ki baat hai, usse andar ke sachche kavi tak pahunchaayenge to aatm saakshaatkaar sambhav ho jayega, aisa mera vishwaas hai..."
ReplyDeleteGod bless you.
---MUFLIS---
dil bahut khush hai..
ReplyDeleteaapko aise hi sabka pyar aur aashirwaad mile...aur mujhe aapka......
apni prathna ke sath aap meri bhi prarthna jod dena mei bhi imrozji ke lambe aur swasth jevan ki kamna karta huin.......
जिदगी तस्वीर भी है
ReplyDeleteतकदीर भी
चाहे रंगों से बने तो तस्वीर
और अनचाहे रंगों से बने तकदीर
ख़ुदा के दर से हो कर आये है आप
ReplyDeleteकुछ तो खुदायी आप में भी होगी ........समझती हूँ उन भवनाओं को ....नमन इस एहसास को....