Tuesday, December 30, 2008
आया नव वर्ष आया
आया नव वर्ष ,आया आपके द्वार
दे रहा है ये दस्तक , बार बार !
बीते बरस की बातों को , दे बिसार
लेकर आया है ये , खुशियाँ और प्यार !
खुले बाहों से स्वागत कर ,इसका यार
और मान ,अपने ईश्वर का आभार !
आओ , कुछ नया संकल्प करें यार
मिटायें ,आपसी बैर ,भेदभाव ,यार !
लोगो में बाटें ,दोस्ती का उपहार
और दिलो में भरे , बस प्यार ही प्यार !
अपने घर, समाज, और देश से करें प्यार
हम सब एक है , ये दुनिया को बता दे यार !
कोई नया हूनर ,आओ सीखें यार
जमाने को बता दे , हम क्या है यार !
आप सबको ,है विजय का प्यारा सा नमस्कार
नव वर्ष मंगलमय हो ,यही है मेरी कामना यार !
आया नव वर्ष ,आया आपके द्वार
दे रहा है ये दस्तक , बार बार !
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एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता
घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...
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घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ...
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मिलना मुझे तुम उस क्षितिझ पर जहाँ सूरज डूब रहा हो लाल रंग में जहाँ नीली नदी बह रही हो चुपचाप और मैं आऊँ निशिगंधा के सफ़ेद खुशबु के साथ और त...
बुहत सुंदर कविता... नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं .
ReplyDeleteआपका ब्लॉग टेक पत्रिका ब्लोगरोल में है .
बीते बरस की बातों को , दे बिसार
ReplyDeleteलेकर आया है ये , खुशियाँ और प्यार !
खुले बाहों से स्वागत कर ,इसका यार
और मान ,अपने ईश्वर का आभार !
बहुत सुंदर कोमल भावनाओं से स्वागत किया है आपने नव वर्ष का , आपको भी नव वर्ष की शुभकामनाये "
regards
वाह जी वाह क्या बात। नए साल की शुभकामनाएं देने के लिए कविता ही लिख डाली। आपको भी पहले से ही नव बर्ष की ढेरों शुभकामनाए। नए साल में आपको और आपके परिवार को ढेरों खुशियाँ मिलें।
ReplyDeleteआओ , कुछ नया संकल्प करें यार
मिटायें ,आपसी बैर ,भेदभाव ,यार !
लोगो में बाटें ,दोस्ती का उपहार
और दिलो में भरे , बस प्यार ही प्यार !
बहुत खूब।
'नव वर्ष की शुभकामनाये "
ReplyDeleteबीते बरस की बातों को , दे बिसार
ReplyDeleteलेकर आया है ये , खुशियाँ और प्यार !
खुले बाहों से स्वागत कर ,इसका यार
और मान ,अपने ईश्वर का आभार बुहत सुंदर कविता... नव वर्ष की आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं
अच्छी कविता .नव वर्ष की शुभ कामनाये
ReplyDeleteनव वर्ष मंगलमय हो यही है मेरी कामना यार.
ReplyDeleteये यार शब्द पर हँसी आई, मतलब अच्छा लगा.
विजय जी,
ReplyDeleteबढ़िया कविता है, नए साल का ड्योढ़ी पर सुंदर आगाज। आपको नववर्ष की कोटिशः शुभकामनाएं।
बीते बरस की बातों को , दे बिसार
ReplyDeleteलेकर आया है ये , खुशियाँ और प्यार !
खुले बाहों से स्वागत कर ,इसका यार
और मान ,अपने ईश्वर का आभार !
बहुत सुंदर कोमल भावनाओं से स्वागत किया है आपने नव वर्ष का , आपको भी नव वर्ष की शुभकामनाये "..............seemaa ji kee baat....mere shadon kaa saath...aapko bhi mubaarakvaad....!!
First of all Wish u Very Happy New Year...
ReplyDeleteSundar Rchana..
Regards..
First of all Wish u Very Happy New Year...
ReplyDeleteBadhai ho...
bahut hi acha likha hai.....
सकारात्मक सोच लिए , नूतन ख्यालों से परिपूर्ण ,
ReplyDeleteनए वर्ष का स्वागत किया है........हमारी भी शुभकामना यही है
नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeletesirf kehne tk hi na reh jaaye
ReplyDeleteaao ! mil kr prarthna kareiN
k ho bhi ye . . . .
NAYA SAAL 2009
M U B A R A K .
---MUFLIS---
Respected Vijaya ji,
ReplyDeleteMere blog par ane aur tareef karne ke liye dhanyavad.Apne blog par naye varsh ke svagat ke sath bahut hee sundar sandesh diya hai.badhai.
Nav varsh kee hardik mangal kamnayen.
Poonam
नव वर्ष एवं नव वर्ष के स्वागत पर इस काव्यमयी अभिव्यक्ति पर आपको हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभ कामनायें.
सादर
द्विजेन्द्र द्विज
sath sath aapka aashirwaad bhi chahiye dedo na jaldi se........
ReplyDeleteबीते बरस की याद और नये का स्वागत . अच्छा है
ReplyDeletebahut khub Vijay ji, aapki kavitaon ke har lafz jaisa hee guzare ye naya varsh...
ReplyDeleteaapko naye varsh ki bahut shubhkamanayein
fiza
बहुत सुन्दर कविता
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